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जीिन  दानी  बने।  उन्होंने  भूदान-यज्ञ  आंदोलन  की  भाषा  हहंदी  को  बनाया।

                   माहात गांिी और आचायत विनोिा  भािे गुजराती  िे  परंतु  उन्होंने  हहंदी को

                   स्जस  प्रकार  सारे  देश  में  प्रचाररत  प्रसाररत  ककया,  िह  हहंदी  का  एक

                   गौरिशाली इततहास है। गांधी जी का दृढ असभमत था फक ‘’हहंदी भाषा की

                   उन्ननत का अथष है िमूचे राष्ट्र और जानत की उन्ननत, अगर हमें हहंदुस्तान

                   को  एक  राष्ट्र  बनाना  है  तो  राष्ट्रभाषा  हहंदी  ही  हो  िकती  है।‘’  बंगाल  के

                   सुप्रमसधॎध  थितंत्रता  सेनानी  शारदाचरर्  ममत्र,  महाराष्र  के   हहंदी  सेिी  श्री

                   गोविन्द मिुसूदन दाभोलकर, दक्षक्षर् के  सुप्रमसन्धॎध विद्िानों, देशभक्तों जैसे

                   सुव्रह्मण्यम ्   भारती,  टी  मािि  राि,  के   आर  नारायर्  राि,  चििती
                   राजगोपालाचारी, श्री क ृ ष्ट थिामी अऱूयर, महाकवि शंकर क ु रुम आहद हहंदी


                   के   प्रबल  समितक  िे  और  चाहते  िे  कक  हहंदी  भारत  की  राष्रभाषा  बने।
                   विश्िकवि  रिीन्र  नाि  ठाक ु र  ने  कहा  है-  ‘भारतीय  भाषाएं  नहदयां  हैं  और

                   हहंदी महानदी है।‘ थितंत्रता संग्राम के  सेनातनयों राजेन्र प्रसाद, जिाहर लाल

                   नेहऱू,  सरदार  पटेल,  मौलाना  अबुल  कलाम  आजाद,  जयप्रकाश  नारायर्,

                   राजवषत  पुऱूषोत्तम  दास  टंडन,  गोविन्द  बकलभ  पंत,  इंहदरा  गांिी,  अटल

                   त्रबहारी  िाजपेयी  आहद  ने  हहंदी  को  व्यापक  ऱूप  से  प्रचाररत-प्रसाररत  ककया

                   और हहंदी का ऐसा अक्षयिट लगाया स्जसकी हररत भररत शाखाएं तेजी के

                   साि सारे विश्ि में र्ै ल गयीं।

                         यह  तनवितिाद  थित:  मसधॎध  है  कक  हहंदी  विश्ि  में  सबसे  अधिक  बोली,

                   समक्षी  जाने  िाली अत्यधिक  लोकवप्रय भाषा  है।  इसके   बाद  चीनी  है।  एक

                   ताजा आंकडे के  अनुसार विश्ि में चीनी तिा हहंदी जानने िालों की स्थितत

                   तनम्नमलखखत है-

                   वषष          हहंदी जानने वालों की िंख्या            चीनी जानने वालों की िंख्या

                   2005         102.20 करोड                            90 करोड

                   2007         102.30 करोड                            90.20 करोड

                   2009         11000 करोड                             90.70 करोड

                   2012         120.00 करोड                            100.50 करोड

                   2015         132.00 करोड                            110.00 करोड
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