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टेलीविजन के  सिातधिक कायतिम हहंदी भाषा में प्रसाररत हो रहे हैं जो देश के

               कोने-कोने  में  देखे  जाते  हैं।  ऐततहामसक  कायतिमों,  टीिी  सीररयलों  मसलन-

               रामायर् और महाभारत ने अहहंदीभाषी प्रांतों में खासी लोकवप्रयता हामसल कर

               हहंदी को अहहंदीभाषी प्रांतों में और भी लोकवप्रय बनाया। देश में बनने िाली 3

               हजार से अधिक कर्कमों में सिातधिक कर्कमें भी हहंदी भाषा में बनती हैं। इनके

               गीत  संगीत  से  देशभर  के   श्रोताओं  और  दशतकों  को  सामास्जक,  िाममतक,

               राजनीततज्ञ  और  सांथक ृ ततक  एकता  से  जोडा  है।  अत्यािुतनक  संचार  माध्यम

               मोबाइल के  एंड्राइड एप ‘गूगल इंडडक कीबोडत’ की मदद से मात्र बोलने से ही

               हहंदी टाइवपंग की सुवििा ने हहंदी के  साितभौममक र्ॉन्ट ‘मंगल’ में कामकाज को
               और भी सरल बना हदया है। इंटरनेट पर भी हहंदी के  अनेक ब्लॉग, सचतइंचन


               और िेबसाइटों पर बहपयोगी सामग्री और साहहत्य उपलब्ि है जो अहहंदी प्रांतों
                                         ु
               के  पाठकों की संख्या को बढा रहा है। अब हहंदी के  सहज और सरल प्रयोगों से

               आम  पाठक  और  व्यस्क्त  जुड  रहा  है।  इससे  राष्रीय  पहचान  और  एकता  को

               तनरंतर बल ममल रहा है।





                                                               डॉ. सतीश शमात ‘जार्रािादी’ डी. मलट्.


                                                           प्रेमसदन’, जार्रािाद, जेिर

                                                                        वपन- 203135,

                                                                                    गौतमबुधॎधनगर, उ.प्र.



                                       वैश्वीकरा के  दौर में हहंदी की मह्ता

                                                                                       डॉ संतराम यादि



                       िैश्िीकरर्,  भूमंडलीकरर्,  तनजीकरर्,  उदारीकरर्  ि  बाजारिाद  में  से

               ककसी भी नाम से पुकाररए, भारत में यह प्रकिया उन्नीस सौ नब्बे के  दशक में

               आरंभ हई िी । इस युग में कोई सीमा, कोई सरहद या कोई दीिार नहीं हैं
                         ु
               अवपतु यह तो पूरे विश्ि को एक ग्राम में तब्दील करने की ऐसी अििारर्ा है

               स्जसने पूरी दुतनया की तथिीर ही बदल कर रख दी है । िैश्िीकरर् की प्रकिया
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