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प्रश्नः- भारतीय पररदृश्य में तकनीकी लेखन तिा पाठन के संदभत में हहंदी
भाषा के महत्िि को ककस प्रकार देखते हैं?
उत्तरः- िीरे-िीरे तकनीकी लेखन तिा पाठन में हहंदी भाषा के प्रयोग को
बढािा ममल रहा है । इंटरनेट के माध्यम से हहंदी भाषा में उपलब्ि
तकनीकी लेख और पाठन सामग्री जनता तक सरलता से पहंच रही है ।
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प्रश्नः- देश में सूचना प्रौद्योधगकी पहले से बेहतर हई है, क्या भाषाई
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एकऱूपता से इसे अधिक प्रभािशाली बनाया जा सकता है?
उत्तरः- सूचना प्रौद्योधगकी ने आज भाषागत अिरोिों को समाप्त करने
में कडी भूममका तनभाई है । एक भाषा-भाषी सूचना प्रौद्योधगकी के प्रयोग
से दूसरी भाषा में उपलब्ि पठन-पाठन सामग्री का अपनी भाषा में
सरलता से अनुिाद कर सकता है । इंटरनेट के द्िारा विमभन्न भाषा में
उपलब्ि सामग्री की उपलब्िता आज विश्ि के ककसी भी कोने में पहंच
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सकी है । इसमलए मेरा मानना है कक भविष्य में भाषा की विवििता
आपसी संिाद में बािक नहीं होगी ।
प्रश्नः- हम सभी जानते हैं कक हहंदी देश के अधिकांश भू-भाग पर बोली ि
समझी जाती है, इसमें रोजगार की उपलब्िता को ककस प्रकार देखते हैं?
उत्तरः- हहंदी को अच्छी तरह से समझने िाले और हहंदी में सरलता से
अपनी बात को कहने िाले योग्य लोगों के मलए रोजगार के अनेक अिसर
सामने आ रहे हैं । आज हहंदी में तरह-तरह के ऑनलाइन पत्रत्रकाएं
समाचारपत्र ब्लॉग आहद उपलब्ि हैं । स्जसके कारर् हहंदी के योग्य
जानकारों को सरलता से अपनी बात पाठकों तक पहंचाने में कोई परेशानी
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नहीं होती है ।
प्रश्नः- क्या आपको लगता है कक हहंदी-भावषयों को रोजगार ममलने में
ककसी प्रकार की परेशानी होती है?