राजभाषा भारती अर्थात् विद्या की देवी माँ सरस्वती की वाणी की पत्रिका । राजभाषा भारती संघ की राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार तथा प्रोत्साहन को समर्पित त्रैमासिक पत्रिका है,जिसे राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय द्वारा प्रकाशित किया जाता है । पत्रिका का प्रथम अंक अप्रैल, 1978 में राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय के प्रथम सचिव श्री रमाप्रसन्न नायक के कार्यकाल तथा श्री राजमणि तिवारी के संपादन में प्रकाशित हुआ था । राजभाषा विभाग के दायित्वों में हिंदी के प्रगामी प्रयोग को प्रोत्साहन देने के लिए पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन भी एक प्रमुख दायित्व है । यह पत्रिका न केवल उस दायित्व का निर्वाह करती है वरन् संपूर्ण संघ सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/कार्यालयों आदि में हिंदी संबंधी गतिविधियों के वृहत प्रचार हेतु एक औपचारिक मंच भी प्रदान करती है । पत्रिका का वितरण केंद्र सरकार के मंत्रालयों/कार्यालयों आदि के बीच निशुल्क किया जाता है ।
राजभाषा पत्रिकाएं
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- राजभाषा भारती ई-बुक अंक-158, 2020
- राजभाषा भारती अंक 157, 2019
- राजभाषा भारती अंक 156 जुलाई - सितम्बर, 2018
- राजभाषा भारती अंक: 155 अप्रैल - जून, 2018 विशेषांक
- राजभाषा भारती अंक - 154 जनवरी - मार्च, 2018
- राजभाषा भारती अंक - 153 अक्तूबर - दिसम्बर, 2017
- राजभाषा भारती अंक - 152 जुलाई - सितम्बर, 2017
- राजभाषा भारती अंक - 151 अप्रैल - जून, 2017
- राजभाषा भारती अंक - 150 (विशेषांक) जनवरी - मार्च, 2017
- राजभाषा भारती अंक - 149 अक्तूबर - दिसम्बर, 2016
- अंक 148 जुलाई - सितम्बर, 2016
- राजभाषा भारती अंक-144
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लेख
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- भाषा प्रौद्योगिकी: सत्तर साल का सफरनाम - डॉ एम.एल. गुप्ता -हिंदी भाषी क्षेत्र के लिए प्रथम राजभाषा गौरव पुरस्कार, वर्ष 2017-18
- प्लास्टिक मुद्रा के प्रयोग से जुड़ी चुनौतियां-डॉ साकेत कुमार सहाय -हिंदी भाषी क्षेत्र द्वितीय रा.भा.गौरव पुरस्कार वर्ष 2017-18
- घटता भूजल स्तर: कारण और निवारण-डॉ वीरेन्द्र कुमार -हिंदी भाषी क्षेत्र तृतीय रा.भा.गौरव पुरस्कार वर्ष 2017-18
- अंटार्कटिका में सुदूर संवेदन ग्राउंड स्टेशन एवं संचार स्टेशन-डॉ ब्रज बंधु सहाय, हिंदीतर भाषी प्रथम रा.भा. गौरव पुरस्कार 2017-18
- मछुआरों की आय बढ़ायी जाने के लिए समुद्री संवर्धन प्रौद्योगिकियां- इमेल्डा जोसफ एवं डॉ ऐ गोपालकृष्णन, द्वितीय वर्ष 2017-2018
- इस्पाल उत्पादन में डिजिटलीकरण- श्री बी अप्पाजी कुमार- हिंदीतर भाषी क्षेत्र, तृतीय राजभाषा गौरव पुरस्कार, वर्ष 2017-2018
- भारतीय किसान - दशा और दिशा - नीलमणि शर्मा -हिंदी भाषी क्षेत्र के लिए प्रथम राजभाषा गौरव पुरस्कार, वर्ष 2018-19.
- विश्वभाषा की ओर हिंदी के बढ़ते कदम - राकेश शर्मा 'निशीथ' -हिंदी भाषी क्षेत्र के लिए द्वितीय राजभाषा गौरव पुरस्कार, वर्ष 2018-19.
- कृषि संबंध क्षेत्र : किसानों की आय बढ़ने में मददगार- डॉ वीरेंद्र कुमार -हिंदी भाषी क्षेत्र के लिए तृतीय राजभाषा गौरव पुरस्कार, वर
- कार्यक्षेत्र में मानव का स्वरूप एवं उनका महत्त्व - डॉ. टी हेमावती -हिंदीत्तर भाषी क्षेत्र के लिए प्रथम राजभाषा गौरव पुरस्कार, वर
- भारतीय विज्ञापन जगत-आकार, विकास, संभावनाएँ और भविष्य-श्रीनिवास राय-हिंदीत्तर भाषी क्षेत्र के लिए द्वितीय राजभाषा गौरव पुरस्कार 2
- समतामूलक विकास और वित्तीय समावेशन - डॉ. सदा बिहारी साहु -हिंदीत्तर भाषी क्षेत्र के लिए तृतीय राजभाषा गौरव पुरस्कार, वर्ष 2018
- भारत की बहुभाषिक संस्कृति में एकमात्र सूत्र की उपयोगिता-महात्मा गाँधी की नजर से- डॉ. धनेश द्विवेदी -हिंदी भाषी क्षेत्र के लि
- वेदों में पर्यावरण चेतना - डॉ. राजबीर सिंह -हिंदी भाषी क्षेत्र के लिए द्वितीय राजभाषा गौरव पुरस्कार, वर्ष 2019-2020.
- न्यू मीडिया में हिंदी की वर्तमान स्थिति - शैलेश शुक्ला -हिंदी भाषी क्षेत्र के लिए तृतीय राजभाषा गौरव पुरस्कार, वर्ष 2019-2020.
- वैश्विक परिदृश्य में हिंदी साहित्य और भारतीय संस्कृति - डॉ. पी. आर. वासुदेवन 'शेष' -हिंदीत्तर भाषी क्षेत्र के लिए प्रथम राजभाषा
- समय प्रबंधन - डॉ. डी. चंद्रशेखर -हिंदीत्तर भाषी क्षेत्र के लिए द्वितीय राजभाषा गौरव पुरस्कार, वर्ष 2019-2020.
- बैंकों के व्यवसाय वृद्धि में कौशल विकास का महत्त्व - सुलक्षणा डनासना -हिंदीत्तर भाषी क्षेत्र के लिए तृतीय राजभाषा गौरव पुरस्कार
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